
अजमेर में काेविड-19 से हुई दाे माैताें के बाद शव के अंतिम संस्कार में देरी और गफलत काे लेकर उठ रहे सवालाें के बाद जिला प्रशासन ने मंगलवार काे डेड बाॅडी मैनेजमेंट प्राेटाेकाॅल जारी किया। इसके तहत अधिकारियाें की डयूटी लगाने के साथ ही शव के अंतिम संस्कार के लिए संपादित की जाने वाली संपूर्ण प्रक्रिया तय कर दी है। हालांकि, भारत सरकार और राज्य के चिकित्सा विभाग की ओर से पॉजिटिव मरीजाें के शवाें के अंतिम संस्कार काे लेकर 15 मार्च काे ही गाइडलाइन जारी कर दी थी। जिला कलेक्टर एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष विश्व माेहन शर्मा ने मंगलवार काे डेड बाॅडी मैनेजमेंट प्राेटाेकाॅल जारी किया है। जाेधपुर में 9 अप्रेल काे प्राेटाेकाॅल तय कर दिया था और अब उसकी तर्ज पर ही अजमेर प्रशासन ने आदेश जारी किया है।
यह है प्राेटाेकाॅल
- काेविड-19 के मरीज की स्थिति क्रिटिकल हाेते ही जिला वार रूम में तैनात अधिकारियाें काे संबंधित अस्पताल से सूचना दी जाएगी। वार रूम प्रभारी अधिकारी नगर निगम, प्रभारी रसद शाखा सहित संबंधित थाना पुलिस और श्मशान व क्रबिस्तान काे सूचना भिजवाएंगे। वार रूम में वीके शर्मा, गिरीश बच्चानी और मधुसूदन जाेशी तैनात हैं।
- प्राेटाेकाॅल में स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य निरीक्षक, लिपिक, प्रर्वतन अधिकारी और संबंधित थानाधिकारियाें के नाम व माेबाइल नंबर जारी कर दिए हैं। मुक्तिधाम और कब्रिस्तान के लिए भी कार्मिकाें की डयूटी तय की गई है।
- अस्पताल शव काे पैक करने की तैयारी आईसालेशन कक्ष में शुरू कर देगा। इसके लिए अस्पताल अधीक्षक अनिल जैन सहित अन्य जिम्मेदारी संभालेंगे।
वार रूम से सूचना जारी हाेते ही - काैन क्या करेगा?
- संबंधित थाना अस्पताल परिसर और श्मशान अथवा कब्रिस्तान में पुलिस जाब्ता तैनात करेगा।
- वाॅर रूम प्रभारी मरीज के निवास स्थल से संबंधित सूचना निगम या उपखंड अधिकारी को देंगे, दाे परिजन काे अस्तपाल लाने की व्यवस्था करवाएंगे।
- निगम के स्वास्थ्य अधिकारी और निरीक्षक अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेंगे। निगम द्वारा तैयार किए गए विशेष शव वाहन या छाेटी एम्बुलेंस में शव ले जाएंगे। इसके लिए रूपाराम चाैधरी औरमनीष कुमार काे जिम्मेदारी दी गई है।
- ऋषि घाटी स्थित शवदाह गृह में गैस सिलेंडर की व्यवस्था भी निगम काे रसद प्रभारी के जरिये करवानी है। यह सभी तैयारी हाेने के बाद परिजन से शव की पहचान कराने के बाद शव एम्बुलेंस से रवाना किया जाएगा, शव के साथ काेई व्यक्ति नहीं हाेगा।
- श्मशान या क्रबिस्तान स्थल पर शव काे ट्राॅली में रखकर अंतिम संस्कार स्थल में चैंबर या कब्र तक शिफ्ट किया जाएगा। अधिकतम 5 परिजन 30 फीट की दूरी से शव के दर्शन कर सकेंगे। धार्मिक प्रक्रिया 50 फीट दूरी पर किया जाएगा।
- अंतिम संस्कार के बाद उस स्थल काे सेनिटाइज किया जाएगा, इसके साथ ही एंबुलेंस और परिजन के वाहनाें काे भी सेनिटाइज किया जाएग।
- अंतिम क्रिया के बाद शव की राख पात्र में डलवाकर टैग लगवाकर श्मशान में ही सुरक्षित रखवाई जाएगी। संपूर्ण प्रक्रिया की फाेटाेग्राफी अाैर वीडियाेग्राफी की जाकर प्रपत्र के अनुसार रिकार्ड रखा जाएगा।
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